बकरियों की टॉप नस्लें तथा उनकी विशेषताएं

BY- Manisha Sharma

सिरोही बकरी (Sirohi Goat)

यह नस्ल गुजरात एवं राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में पायी जाती है. इसे मांस और दूध उत्पादन हेतु पाला जाता है.

गद्दी बकरी (Gaddi Goat)

यह हिमांचल प्रदेश के काँगडा कुल्लू घाटी में पाई जाती है. इस बकरी को पश्मीना आदि के लिए पाला जाता है. 

ब्लैक बंगाल (Black Bengal Goat) 

यह नस्ल पश्चिम बंगाल, झारखंड, असम आदि राज्यों में पायी जाती है. अधिकांश (करीब 80%) बकरियों में काला रोंआ होता है.

झकराना बकरी (Jakhrana goat)

यह नस्ल राजस्थान के अलवर की बहरोड़ तहसिल में पायी जाती है. यह सर्वाधिक दूध देने वाली बकरी मानी जाती है.

बारबरी बकरी (Barbari Goat)

यह नस्ल मध्य एवं पश्चिमी अफ्रीका में पायी जाती है. इस नस्ल के नर तथा मादा को पादरियों के द्वारा भारत वर्ष में सर्वप्रथम लाया गया. 

शेखावाटी बकरी (Shekhawati Goat)

यह नस्ल राजस्थान में पाई जाती है इसके सिंग नहीं होते हैं. जोधपुर में काजरी के वैज्ञानिकों द्वारा इसे सन् 1959 में क्लोन पद्धति के द्वारा विकसित किया.

जमुनापारी बकरी  (Jamnapari Goat)

जमुनापारी नस्ल सबसे ऊँची व लम्बी होती है. यह UP के इटावा जिला एवं गंगा, यमुना तथा चम्बल नदियों से घिरे क्षेत्र में पायी जाती है.

बोअर नस्ल (Boer Goat)

बोअर नस्ल की बकरी को दक्षिण अफ्रीका में विकसित किया गया था. यह बकरी दूध, मांस के लिए इस्तेमाल होती है.

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